कंप्यूटर हर जेनरेशन(generation) के हिसाब से कंप्यूटर में तेजी , छोटा ,सस्ता, अधिक शक्तिशाली और अधिक कुशल मशीन बनता जारहा है और कंप्यूटर का इस्तेमाल का तरीका भी बदलता जारहा है।
Generation Of Computer in Hindi
First Generation Of Computer / पहली पीढ़ी (1946-1954):
First generation of Computer
|
1946 में computer को instruction और data को save करने 'का कई बेस्ट ' रास्ता नहीं था। First Generation electrostatic storage tubes, ध्वनिक देरी लाइनें (पारा या निकल), चुंबकीय ड्रम, और चुंबकीय कोर भंडारण (और Disk ): और magnetic core storage.
First Generation of Computer जैस
MARK I:
MARK-I
|
IBM Automatic Sequence Controlled Calculator (ASCC), MARK I क़हलता है Harvard University द्वारा MARK I नामक एक electro-mechanical computer था। MARK I सफलतापूर्वक arithmetic and logical operation की लंबी सेवाओं प्रदर्शन करने के लिए पहली मशीन है। MARKI पहली पीढ़ी कंप्यूटर है। 1944 में यह Harvard और IBM के बीच एक साझेदारी के रूप में बनाया गया था, जो MARK I कंप्यूटर अमेरिका में किए गए पहले प्रोग्राम डिजिटल कंप्यूटर था, लेकिन यह एक पूरे रूप से इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर नहीं था। MARK I मै switches, relays, rotating shafts, and clutches का इस्तेमाल करके निर्माण किया गया था। MARK I , 500 मील की दूरी के तार के निगमित 5 टन है, 8 फुट लंबा और 51 फुट चोडा था, और एक 5 horsepower बिजली की मोटर से चलता था.
ENIAC:
ENIAC
|
यह पहला general-purpose electronic computer है जो 1946 मे John Mauchly and J. Presper Eckert ने University of Pennsylvania USA ने बनाया था , पूरा मशीन सार्वजनिक करने के लिए 14 फरवरी, 1946 की शाम को घोषणा की थी यह . जिस का नाम Electronic Numerical Integrator and Calculator (ENIAC) , नामित किया गया था। ENIAC मे 17,468 वैक्यूम ट्यूब (Vacuum tubes), 7200 क्रिस्टल डायोड(crystal diodes), 1500 रिले(relays), 70,000 प्रतिरोधों(resistors), 10,000 capacitors और लगभग 5 लाख hand-soldered से जोड़ों गया था । यह computer का वजन 30 से अधिक टन था और 8 by 3 by 100 feet (2.4 m × 0.9 m × 30 m), took up 1800 square feet (167 m2) जो 150 किलोवाट power पर चलता था । INPUT के लिए IBM card reader, और OUTPUT के लिए IBM card punch का इस्तेमाल होता था ।
इलेक्ट्रॉनिक वाल्व (Vacuum tubes) का उपयोग कर पहली पीढ़ी के कंप्यूटर(First Generation of Computer) के रूप में जाना जाता है। इलेक्ट्रॉनिक वाल्व (Vacuum tubes) एक इलेक्ट्रॉनिक (electronic ) Component होता है। Vacuum tubes को Lee DeForest ने 1908 मे तैयार किया था.
चुके Vacuum tubes की size काफी ज्यादा होने की वाजा से कंप्यूटर की size और cost जयादा थी. और Vacuum tubes को लगने वाली power भी ज्यादा थी .
EDVAC / एडवैक:
इलेक्ट्रॉनिक वाल्व (Vacuum tubes) का उपयोग कर पहली पीढ़ी के कंप्यूटर(First Generation of Computer) के रूप में जाना जाता है। इलेक्ट्रॉनिक वाल्व (Vacuum tubes) एक इलेक्ट्रॉनिक (electronic ) Component होता है। Vacuum tubes को Lee DeForest ने 1908 मे तैयार किया था.
चुके Vacuum tubes की size काफी ज्यादा होने की वाजा से कंप्यूटर की size और cost जयादा थी. और Vacuum tubes को लगने वाली power भी ज्यादा थी .
EDVAC
EDVAC का पूरा नाम Electronic Discrete Variable Automatic Computer है जो 1950 में बना था। यह computer में काफी improvement किया गया था . EDVAC का इस्तेमाल program को store करने के लिए होने लगा। EDVAC logically instruction पर काम करता था लिए EDVAC काफी फ़ास्ट था ENIAC से।
EDVAC 6000 Vacuum tubes , 12000 Diod और 56 KW power consume करता था। यह फर्श से 490 ft² (45.5 वर्ग मीटर) को कवर किया और £ 17,300 (7850 किलो) वजन का था।
EDVAC
EDVAC का पूरा नाम Electronic Discrete Variable Automatic Computer है जो 1950 में बना था। यह computer में काफी improvement किया गया था . EDVAC का इस्तेमाल program को store करने के लिए होने लगा। EDVAC logically instruction पर काम करता था लिए EDVAC काफी फ़ास्ट था ENIAC से।
EDVAC 6000 Vacuum tubes , 12000 Diod और 56 KW power consume करता था। यह फर्श से 490 ft² (45.5 वर्ग मीटर) को कवर किया और £ 17,300 (7850 किलो) वजन का था।
EDSAC:
EDSAC
|
EDSAC का पूरा नाम Electronic Delay Storage Automatic Computer है जिसे M.V. Wilkes at Cambridge University मे 1949 बनाया था। उस वक्त दो group , individuals काम कर रहे थे के और बनवा रहते पहला stored-program computer .UNITED STATE की University of Pennsylvania EDVAC (Electronic Discrete Variable Automatic Computer) पर काम कर रही थी ,और ENGLAND की Cambridge University EDSAC (Electronic Delay Storage Automatic Computer) . EDSAC ने सब से पहेली बाज़ी मारी stored-program computer में। EDSAC पहला कंप्यूटर बना program store करने के लिए।
EDSAC का पूरा नाम Electronic Delay Storage Automatic Computer है जिसे M.V. Wilkes at Cambridge University मे 1949 बनाया था। उस वक्त दो group , individuals काम कर रहे थे के और बनवा रहते पहला stored-program computer .UNITED STATE की University of Pennsylvania EDVAC (Electronic Discrete Variable Automatic Computer) पर काम कर रही थी ,और ENGLAND की Cambridge University EDSAC (Electronic Delay Storage Automatic Computer) . EDSAC ने सब से पहेली बाज़ी मारी stored-program computer में। EDSAC पहला कंप्यूटर बना program store करने के लिए।
यूनीवैक-1 /UNIVAC-1:
UNIVAC-I
|
Ecker and Mauchly ने 1951 मे Universal Accounting Computer setup का पहला commercial computer बनाया था। इस computer का design principal ENIAC से लिया गया था। यह computer 25 x 50 feet का था जो 56000 tube , 18000 crystal diod और 3000 relay को जोड़ कर बनाया था। और इस की store करने की capacity 1,000 words or 12,000 characters थी। इस computer के में Mercury delay line, magnetic tape, और typewअ riter output का इस्तेमाल किया गया था। यह computer 120 KWA की power इस्तेमाल करता था।
2. यह कंप्यूटर आकर में बड़े और धीमी गति से Data पर processing करते थे।
3. यह electricity का बहुत जयादा उपयोग करते थे जिस के वजा से बहुत ज्यादा heat का पैदा होती थी।
4. यह computer की computing capacity काफी कम थी
5. यह computer में machine level language का उपयोग programming के लिए किया जाता था।
6 .यह computer बहुत महंगा (expensive) था।
Ecker and Mauchly ने 1951 मे Universal Accounting Computer setup का पहला commercial computer बनाया था। इस computer का design principal ENIAC से लिया गया था। यह computer 25 x 50 feet का था जो 56000 tube , 18000 crystal diod और 3000 relay को जोड़ कर बनाया था। और इस की store करने की capacity 1,000 words or 12,000 characters थी। इस computer के में Mercury delay line, magnetic tape, और typewअ riter output का इस्तेमाल किया गया था। यह computer 120 KWA की power इस्तेमाल करता था।
3. यह electricity का बहुत जयादा उपयोग करते थे जिस के वजा से बहुत ज्यादा heat का पैदा होती थी।
4. यह computer की computing capacity काफी कम थी
5. यह computer में machine level language का उपयोग programming के लिए किया जाता था।
6 .यह computer बहुत महंगा (expensive) था।
Second Generation (1955-1964):
Second Genration
|
Transister
|
Computer की दूसर पीढ़ी को बनाने के transistors और ferrite cores का main memory और magnetic disks को secondary memory के तोर पर इस्तेमाल किया जाने लगा। इस computer में high-level languages जैसे FORTRAN (1956), ALGOL (1960) & COBOL (1960 - 1961). इस computer मे I/O processor का इस्तेमाल किया जाने लगा I/O operations को Control करने के लिए।
पर होने लगा
Computer की दूसर पीढ़ी को बनाने के transistors और ferrite cores का main memory और magnetic disks को secondary memory के तोर पर इस्तेमाल किया जाने लगा। इस computer में high-level languages जैसे FORTRAN (1956), ALGOL (1960) & COBOL (1960 - 1961). इस computer मे I/O processor का इस्तेमाल किया जाने लगा I/O operations को Control करने के लिए।
पर होने लगा
Second Generation of Computer Features:
2. यह computer की processing speed तेज थी as compare to first Generation of computer
3. यह computer की size काफी छोटी थी। 4. यह computer में Input और Output Devices का इस्तेमाल किया जाने लगा था
2. यह computer की processing speed तेज थी as compare to first Generation of computer
5.यह Computer की Generation में Higher level language जैसे BASIC (Beginners All purpose Symbolic Instruction Code) का निर्माण हुवा।
Example:
IBM 1400
IBM-1400
|
7000 Series,
IBM-7000 SERIES
|
Control Data 3600
IBM-3600
|
Third Generation of Computer (1964-1977) :-
IC
|
Third Genration
|
इस Generation of Computer size छोटी (Small) , सस्ती (Low Cost) ,जियादा memory और processing स्पीड ज़यादा थी। इसी period के दौरान बहुत जलद IC (Integrated Circuit) की जगए LSI (Large Scale Integration) ने ले ली ,जिस के अंदर 100 से ज्यादा component मौजूद होते है
1 . यह पीढ़ी के Computer में IC (Integrated Circuit) का इस्तेमाल होने लगा transistor की जगा।
2. यह पीढ़ी के computer की size बहुत कम थी और साथ ही साथ processing स्पीड भी ज्यादा थी
3. यह Generation of Computer में Higher level language जैसे BASIC (Beginners All purpose Symbolic Instruction Code) का निर्माण हुवा था।
Example: IBM 360, IBM 370 etc.
इस Generation of Computer size छोटी (Small) , सस्ती (Low Cost) ,जियादा memory और processing स्पीड ज़यादा थी। इसी period के दौरान बहुत जलद IC (Integrated Circuit) की जगए LSI (Large Scale Integration) ने ले ली ,जिस के अंदर 100 से ज्यादा component मौजूद होते है
2. यह पीढ़ी के computer की size बहुत कम थी और साथ ही साथ processing स्पीड भी ज्यादा थी
3. यह Generation of Computer में Higher level language जैसे BASIC (Beginners All purpose Symbolic Instruction Code) का निर्माण हुवा था।
Fourth Generation of Computer :
FORTH GENERATION OF COMPUTER
IC (Integrated Circuit) की जगए LSI (Large Scale Integration) ने ले ली ,जिस के अंदर 100 से ज्यादा component मौजूद होते है। और उसी तरह 1000 Component हो तो उसे VLSI (Very Large Scale Integration). जिस का इस्तेमाल large scale Integrated Circuits (LSIC) में होने लगा जिसे single silicon chip microprocessors
Microprocessor
कहते है। और यह कंप्यूटर microcomputers बोला जाने लगा . अब very large scale Integrated Circuits (VLSIC) ने LSICs को replace कर दिया जिस की वजह से computer जो एक पुरे room या hall की बदले एक Table पर चूका है। एक personal computer (PC) इस की example है।एक personal computer (PC) में main Memory यानि RAM और ze secondary memory Hard Disk का इस्तेमाल होने लगा ,साथ ही साथ keyboard Printer का भी निर्माण इसी समय में हुवा।
FORTH GENERATION OF COMPUTER
IC (Integrated Circuit) की जगए LSI (Large Scale Integration) ने ले ली ,जिस के अंदर 100 से ज्यादा component मौजूद होते है। और उसी तरह 1000 Component हो तो उसे VLSI (Very Large Scale Integration). जिस का इस्तेमाल large scale Integrated Circuits (LSIC) में होने लगा जिसे single silicon chip microprocessors
Microprocessor
कहते है। और यह कंप्यूटर microcomputers बोला जाने लगा . अब very large scale Integrated Circuits (VLSIC) ने LSICs को replace कर दिया जिस की वजह से computer जो एक पुरे room या hall की बदले एक Table पर चूका है। एक personal computer (PC) इस की example है।एक personal computer (PC) में main Memory यानि RAM और ze secondary memory Hard Disk का इस्तेमाल होने लगा ,साथ ही साथ keyboard Printer का भी निर्माण इसी समय में हुवा।
Forth Generation of Computer:
1. Fourth Generation of Computer में Operating System का उपयोग होने लगा जैसे MS-DOS,UNIX,Apple’s Macintosh और साथ ही साथ Object oriented language, C++ etc का भी निर्माण हुवा।
2.यह पीढ़ी के कम्यूटर की Processing स्पीड में भी बहुत इजाफा हुवा है।
3. यह Computer की accuracy ,reliable, diligent and versatile 100 % है . 4. यह computer की पीढ़ी में बहुत ज्यादा storage capacity होने लगी। Example: IBM PC, Apple-Macintosh ,लटॉप ,etc
Fifth Generation (1991- continued) :-
5 वीं पीढ़ी के कंप्यूटर में ULSI (Ultra-Large Scale Integration) chips का उपयोग होने लगा ।लाखों transistors ULSI की एक ही चिप्स में रखा जाता है। 64 bit microprocessors का निर्माण इसी समय में हुवा। Data Flow और EPIC architecture इस processor में implement हुवे.
RISC और CISC जैसे modern processor बनाए गए इस पीढ़ी में memory Chip और Flash Memory 1GB Hard Disk up to 600 या इस से भी ज्यादा Fifth Generation like Artificial intelligence
3. यह Computer की accuracy ,reliable, diligent and versatile 100 % है . 4. यह computer की पीढ़ी में बहुत ज्यादा storage capacity होने लगी। Example: IBM PC, Apple-Macintosh ,लटॉप ,etc
5 वीं पीढ़ी के कंप्यूटर में ULSI (Ultra-Large Scale Integration) chips का उपयोग होने लगा ।लाखों transistors ULSI की एक ही चिप्स में रखा जाता है। 64 bit microprocessors का निर्माण इसी समय में हुवा। Data Flow और EPIC architecture इस processor में implement हुवे.
RISC और CISC जैसे modern processor बनाए गए इस पीढ़ी में memory Chip और Flash Memory 1GB Hard Disk up to 600 या इस से भी ज्यादा Fifth Generation like Artificial intelligence
SUPER KNOWLAGE
ReplyDeletegeneration of computer in hindi
ReplyDelete